5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT पारद शिवलिंग कैसे बनता है EXPLAINED

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कैसे बनता है Explained

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कैसे बनता है Explained

Blog Article

सिध्यन्ति नात्रा संदेह रसराज प्रसादतः ।।    (रसार्णव तंत्र)

In accordance with the historic Vedic texts, it is identified that even by touching the energized Parad Shivling as soon as, sins are eliminated.

पारद शिवलिंग पर हल्दी का तिलक लगाकर मीठे व्यंजन का भोग लगाना चाहिए।

शिव पुराण में कहा गया है कि जो लोग पारद शिवलिंग अपने घर में रखते हैं, उनके घर में देवी लक्ष्मी, भगवान शिव और भगवान कुबेर स्थायी रूप से निवास करते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है क्योंकि पारद शिवलिंग की पूजा का प्रभाव किसी अन्य शिवलिंग की पूजा से एक हजार करोड़ गुना अधिक होता है। ऐसी भी मान्यता है कि इनकी पूजा करने से ब्लड प्रेशर, अस्थमा जैसी बीमारियों में भी राहत मिलती है।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।

impact of mercury transit in Sagittarius, mercury transit in sagittarius outcomes mercury transit results in Sagittarius, mercury transit astrology, impacts of World mercury transit

It seems like you have been misusing this element by heading way too fast. You’ve been briefly blocked from applying it.

बारिश में युवती को गिराया, बैड टच...योगी का बड़ा एक्शन

पापक्षयार्थी मधुना निर्व्याधि: सर्पिषा तथा।।

इसके बाद पर पराद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जलाना चाहिए।

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया।।

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने का अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। फिर चाहे वह धन किसी भी माध्यम से प्राप्त हुआ हो। उधार दिया गया पैसा वापिस पाने के लिए शिवलिंग पर चावल को अर्पित करना चाहिए।

धर्म पारद शिवलिंग online संग्रह श्रीरामचरितमानस काम की बात लोकसभा चुनाव समाचार

Report this page